प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY)
परिचय:
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक प्रमुख फसल बीमा योजना है, जिसका उद्देश्य किसानों को व्यापक जोखिम कवरेज प्रदान करना है। 18 फरवरी 2016 को शुरू की गई इस योजना का लक्ष्य प्राकृतिक आपदाओं, कीटों और बीमारियों के कारण फसल की विफलता के मामले में किसानों को वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करना है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा लागू की गई, पीएमएफबीवाई जलवायु परिवर्तन और अन्य कृषि जोखिमों के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
योजना के उद्देश्य:
पीएमएफबीवाई के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं:
- वित्तीय समर्थन प्रदान करना: अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदाओं, कीटों और बीमारियों के कारण फसल की विफलता की स्थिति में किसानों को वित्तीय समर्थन प्रदान करना।
- किसानों की आय को स्थिर करना: किसानों की आय को स्थिर करना ताकि वे खेती जारी रख सकें।
- आधुनिक प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना: किसानों को आधुनिक कृषि प्रथाओं को अपनाने और उच्च कृषि उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित करना।
- कृषि ऋण का प्रवाह सुनिश्चित करना: अधिसूचित फसलों के लिए लिए गए ऋण को बीमा कवर प्रदान कर किसानों को कृषि ऋण का प्रवाह सुनिश्चित करना।
किसे कवर किया जा सकता है?
PMFBY योजना सभी किसानों को कवर करने के लिए डिज़ाइन की गई है, जिनमें शामिल हैं:
- ऋणी किसान: वे किसान जिन्होंने अधिसूचित फसलों के लिए वित्तीय संस्थानों से ऋण लिया है।
- गैर-ऋणी किसान: वे किसान जिन्होंने कोई ऋण नहीं लिया है लेकिन स्वेच्छा से योजना में नामांकन करना चाहते हैं।
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योजना में किसानों को कैसे नामांकित करें?
किसान निम्नलिखित तरीकों से PMFBY योजना में नामांकित हो सकते हैं:
- बैंक शाखाएँ: किसान अपनी संबंधित बैंक शाखाओं में जाकर आवेदन पत्र भर सकते हैं।
- कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी): किसान सीएससी के माध्यम से नामांकित हो सकते हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में फैले हुए हैं।
- बीमा एजेंट और बिचौलिए: अधिकृत बीमा एजेंट और बिचौलिए नामांकन प्रक्रिया में सहायता कर सकते हैं।
- ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म: कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने आसान नामांकन के लिए ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म और मोबाइल एप्लिकेशन भी पेश किए हैं।
फसलों का कवरेज:
पीएमएफबीवाई विभिन्न मौसमों में कई प्रकार की फसलों को कवर करता है:
- खरीफ फसलें: ये फसलें मानसून की शुरुआत के साथ बोई जाती हैं और शरद ऋतु में काटी जाती हैं। सामान्य खरीफ फसलों में धान, मक्का और सोयाबीन शामिल हैं।
- रबी फसलें: ये फसलें सर्दियों में बोई जाती हैं और वसंत में काटी जाती हैं। सामान्य रबी फसलों में गेहूं, जौ और सरसों शामिल हैं।
- व्यावसायिक और बागवानी फसलें: योजना का विस्तार कुछ व्यावसायिक और बागवानी फसलों तक भी किया गया है जैसा कि संबंधित राज्य सरकारों द्वारा अधिसूचित किया गया है।
किसान द्वारा बीमा कंपनी को भुगतान की जाने वाली प्रीमियम दर:
PMFBY के तहत किसानों के लिए प्रीमियम दरें बहुत ही रियायती हैं ताकि इसे वहन करना आसान हो:
- खरीफ फसलें: किसान बीमित राशि का 2% या गणनानुसार प्रीमियम, जो भी कम हो, का भुगतान करते हैं।
- रबी फसलें: किसान बीमित राशि का 1.5% या गणनानुसार प्रीमियम, जो भी कम हो, का भुगतान करते हैं।
- व्यावसायिक और बागवानी फसलें: किसान बीमित राशि का 5% या गणनानुसार प्रीमियम, जो भी कम हो, का भुगतान करते हैं।
शेष प्रीमियम केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा 50:50 के अनुपात में साझा किया जाता है ताकि गणनानुसार प्रीमियम का पूरा कवरेज सुनिश्चित हो सके।
पीएमएफबीवाई योजना के तहत जोखिमों का कवरेज और बहिष्कार:
PMFBY योजना किसानों द्वारा सामना किए गए विभिन्न जोखिमों का कवरेज प्रदान करती है, जिनमें शामिल हैं:
- बुवाई/रोपण जोखिम से वंचित होना: प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण किसान को फसल बोने में असमर्थ होने पर बीमा कवर।
- फसल कटाई के बाद का नुकसान: चक्रवात, चक्रवाती बारिश और असमय बारिश से प्रभावित फसलों का कटाई के बाद दो सप्ताह तक का कवरेज।
- स्थानीय आपदाएँ: ओलावृष्टि, भूस्खलन और जलभराव जैसी स्थानीय जोखिमों के कारण नुकसान/क्षति के लिए बीमा।
- खड़ी फसल (बुवाई से कटाई तक): बुवाई अवधि से कटाई अवधि तक प्राकृतिक आपदाओं, कीटों और बीमारियों के खिलाफ व्यापक जोखिम बीमा।
हालांकि, योजना कुछ परिदृश्यों को बाहर रखती है:
- युद्ध और परमाणु जोखिमों के कारण हुए नुकसान।
- जानबूझकर क्षति।
- फसल की चोरी और गुप्त बिक्री।
- खराब कृषि प्रबंधन के कारण क्षति।
दावा कैसे करें?
किसान को पीएमएफबीवाई के तहत दावा दर्ज करने के लिए एक व्यवस्थित प्रक्रिया का पालन करना होगा:
- तत्काल सूचना: बीमित घटना की घटना के 72 घंटों के भीतर बीमा कंपनी या स्थानीय कृषि विभाग को सूचित करें।
- साक्ष्य का प्रस्तुतिकरण: फसल क्षति के आवश्यक दस्तावेज और साक्ष्य प्रदान करें, जिसमें फोटो, वीडियो और खेत के रिकॉर्ड शामिल हो सकते हैं।
- क्षेत्र निरीक्षण: बीमा कंपनी के प्रतिनिधि क्षति की सीमा का आकलन करने के लिए क्षेत्र निरीक्षण करते हैं।
- दावा निपटान: सत्यापन के बाद, दावा संसाधित किया जाता है और सीधे किसान के बैंक खाते में जमा किया जाता है।
किसानों की जिम्मेदारी:
पीएमएफबीवाई के प्रभावी कार्यान्वयन में किसान महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं:
- समय पर नामांकन: अंतिम तिथियों से पहले प्रीमियम का भुगतान करके योजना में समय पर नामांकन सुनिश्चित करें।
- सटीक जानकारी: नामांकन के दौरान भूमि स्वामित्व, बोई गई फसल और अन्य प्रासंगिक विवरणों के बारे में सटीक जानकारी प्रदान करें।
- उचित कृषि प्रबंधन: उचित कृषि प्रथाओं को बनाए रखें और फसलों का सही तरीके से प्रबंधन करें ताकि रोकी जा सकने वाली क्षतियों से बचा जा सके।
- दावा की तुरंत रिपोर्टिंग: फसल नुकसान की तुरंत रिपोर्ट करें ताकि दावा प्रक्रिया को समय पर संसाधित किया जा सके।
निष्कर्ष:
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों को फसल की विफलता के खिलाफ व्यापक जोखिम कवरेज प्रदान करके उनके वित्तीय हितों की रक्षा करने के लिए एक परिवर्तनकारी पहल है। कृषि जोखिमों के बोझ को कम करके, पीएमएफबीवाई किसानों को नवीन प्रथाओं को अपनाने और कृषि क्षेत्र में क्रेडिट के प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित करती है। व्यापक कवरेज, सस्ती प्रीमियम दरें, और सुव्यवस्थित दावा प्रक्रिया के साथ, पीएमएफबीवाई भारत में किसान समुदाय के लिए एक मजबूत समर्थन प्रणाली के रूप में खड़ी है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
पीएमएफबीवाई क्या है?
- पीएमएफबीवाई, या प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक फसल बीमा योजना है जिसका उद्देश्य विभिन्न जोखिमों के कारण फसल की विफलता की स्थिति में किसानों को वित्तीय समर्थन प्रदान करना है।
पीएमएफबीवाई के लिए कौन पात्र है?
- सभी किसान, जिनमें ऋणी और गैर-ऋणी किसान शामिल हैं, जो अधिसूचित फसलें उगाते हैं, पीएमएफबीवाई के लिए पात्र हैं।
पीएमएफबीवाई के तहत कौन सी फसलें कवर की जाती हैं?
- योजना में प्रमुख खाद्यान्न फसलों, तिलहन और व्यावसायिक/बागवानी फसलों को शामिल किया गया है, जिसमें खरीफ और रबी दोनों मौसम शामिल हैं।
किसान पीएमएफबीवाई में कैसे नामांकित हो सकते हैं?
- किसान बैंक शाखाओं, सीएससी, बीमा एजेंटों, बिचौलियों और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रदान किए गए ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से नामांकित हो सकते हैं।
पीएमएफबीवाई के तहत प्रीमियम दरें क्या हैं?
- खरीफ फसलों के लिए किसान बीमित राशि का 2%, रबी फसलों के लिए 1.5% और व्यावसायिक एवं बागवानी फसलों के लिए 5% का भुगतान करते हैं। शेष प्रीमियम सरकार द्वारा साझा किया जाता है।
पीएमएफबीवाई के तहत कौन से जोखिम कवर किए जाते हैं?
- योजना में बुवाई से वंचित होने, फसल कटाई के बाद के नुकसान, स्थानीय आपदाओं और प्राकृतिक आपदाओं, कीटों और बीमारियों से प्रभावित खड़ी फसलों से संबंधित जोखिमों का कवरेज प्रदान किया जाता है।
किसान पीएमएफबीवाई के तहत दावा कैसे दर्ज करते हैं?
- किसानों को बीमित घटना की घटना के 72 घंटों के भीतर बीमा कंपनी या स्थानीय कृषि विभाग को सूचित करना चाहिए, आवश्यक साक्ष्य प्रदान करना चाहिए और क्षेत्र निरीक्षण प्रक्रिया में सहयोग करना चाहिए।
पीएमएफबीवाई के तहत किसानों की जिम्मेदारियां क्या हैं?
- किसानों को समय पर नामांकन करना चाहिए, सटीक जानकारी प्रदान करनी चाहिए, अपने खेतों का सही तरीके से प्रबंधन करना चाहिए और फसल नुकसान की तुरंत रिपोर्ट करनी चाहिए ताकि योजना का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित हो सके।
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